प्लानिंग एरिया के नॉन कोर एरिया में तीन और पांच मीटर सड़क होने पर ही प्लॉट मालिकों को अतिरिक्त मंजिल और पार्किंग मिल सकेगी। प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मंजूर शिमला डेवलपमेंट प्लान को लागू कर दिया है। तीन मीटर सड़क होने पर प्लॉट मालिकों को दो मंजिल, एक पार्किंग और रिहायशी एटिक मिलेगी, जबकि पांच मीटर सड़क होने पर लोग 3 मंजिल, पार्किग और रिहायशी एटिक का निर्माण कर सकेंगे। इसके अलावा प्लॉट के साथ जहां तीन मीटर रास्ता है, लेकिन सड़क के साथ नहीं जुड़ा है, ऐसे प्लॉट मालिकों दो मंजिल और रिहायशी एटिक ही बना सकेंगे।
डेवलपमेंट प्लान में भवनों की ऊंचाई तय की गई है। 150 से 250 वर्ग मीटर तक के प्लॉट एरिया में भवनों की ऊंचाई 13.5 मीटर रहेगी, जबकि इससे ज्यादा वर्गमीटर एरिया में 16.6 मीटर ऊंचे भवन बनेंगे। 150 से 250 वर्गमीटर प्लॉट एरिया में फ्रंट से दो मीटर, जबकि अन्य तीन किनारों से डेढ़-ड़ेढ़ मीटर के सेटबैक (जगह) छोड़ने होंगे। 250 स्कवेयर मीटर से 500 स्कवेयर मीटर तक के प्लॉट में फ्रंट से तीन, जबकि अन्य साइटों से दो-दो मीटर, 500 से 1000 वर्गमीटर तक फ्रंट से चार और अन्य किनारों से तीन-तीन और एक हजार वर्ग मीटर से ज्यादा प्लॉट एरिया में फ्रंट से पांच, जबकि अन्य किनारों में चार-चार मीटर के सेटबैक छोड़ने होंगे।
ग्रीन और कोर एरिया में ऐसे होगा निर्माण शिमला ग्रीन एरिया में दो मंजिल और एक रिहायशी एटिक, जबकि कोर एरिया में दो मंजिला और एक रिहायशी एटिक का निर्माण होगा। अगर कोर में प्लॉट के साथ सड़क है यहां पार्किंग अलग से दी जाएगी। कुफरी से लेकर जुब्बड़हट्टी तक है प्लानिंग एरिया प्रदेश सरकार ने कुफरी से लेकर जुब्बड़हट्टी तक के क्षेत्र को प्लानिंग एरिया में शामिल किया है। इसमें नगर निगम के अलावा टीसीपी (टाउन एंड कंट्री प्लानिंग) क्षेत्र भी शामिल है।