राजभवन शिमला में भगवान श्रीराम की 120 किलो की मूर्ति स्थापित होगी। चंबा के कारीगर गौरव आनंद ने राजभवन शिमला से मिले ऑर्डर पर इसे तैयार किया है। मूर्ति तैयार करने में कारीगर को तीन माह का समय लगा है। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने जब यह मूर्ति देखी तो वह गदगद हो उठे। उन्होंने आनंद को टोपी और शॉल भेंट कर सम्मानित किया। गौरव ने इस उपलब्धि का श्रेय माता-पिता, परिवार, सहयोगी कारीगरों और जिलावासियों को दिया है।
गौरव आनंद ने बताया कि श्रीराम की मूर्ति बनाने पर करीब तीन लाख रुपये का खर्च आया है। कारीगर ने बताया कि लक्ष्मीनाथ मंदिर के समीप ही उनकी छोटी सी दुकान है। बताया कि मूर्ति बनाने में उनके अलावा सुरेश, विजय और भोला का भी योगदान रहा है। मेटल क्रॉफ्ट को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। चंबा थाल को नई बुलंदियों पर पहुंचाने के लिए मेटल के कारीगर दिन-रात मेहनत करते हैं।
बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चंबा थाल भेंट किया जा चुका है। मूर्तिकला को पिछले 20 सालों से अपना रोजगार का जरिया बनाए गौरव का कहना है कि वह उनका पुश्तैनी काम है। इसे वह पिछले काफी सालों से कर रहे हैं। हालांकि इस काम में बड़ी मेहनत है। मूर्तियों सहित थाल को बनाने के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है। यह थाल शादियों, रिटायरमेंट जैसे कार्यक्रमों में बतौर उपहार दिया जाता है। चंबा थाल के लिए उन्हें विदेशों सहित देशभर से ऑर्डर मिलते हैं।