हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला शहर में शौचालय का प्रयोग करने पर महिलाओं से अतिरिक्त शुल्क वसूलने पर कड़ा संज्ञान लिया है। अदालत ने शौचालय का रखरखाव करने वालों को निर्देश दिए हैं कि शौचालय के भीतर शिकायत पत्र में मोबाइल नंबर लिखा जाए। अगर किसी महिला से यूरिन के लिए 5 या कोई पैसे मांगे जाएं तो उसकी शिकायत दर्ज कराई जाए। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने कहा कि अदालत के आदेशों के बावजूद भी अगर वसूली की जाएगी तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला में शौचालय की खस्ता हालत पर हाईकोर्ट ने विभाग के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट और प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के सचिव को पार्टी बनाया है। इस मामले में अदालत की ओर से नियुक्त किए गए न्याय मित्र देवेन खन्ना ने अदालत को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बताया के वे आईजीएमसी के यूरोलॉजी विभाग में दाखिल हैं। महिलाओं और पुरुषों के लिए यहां पर कोई अलग से शौचालय की व्यवस्था नहीं है। इसकी वजह से मरीजों को इन्फेक्शन की संभावना बनी रहती है। टॉयलेट की हालत भी बहुत बदत्तर है। मरीजों को इससे काफी परेशानी हो रही है। अदालत ने आईजीएमसी विभाग के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट और प्रदेश स्वास्थ्य सचिव को इस मामले में अगली सुनवाई से पहले स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए हैं।