हिमाचल प्रदेश में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है। अन्य अपराधों की तुलना में साइबर अपराध के 55 फीसदी ज्यादा मामले आ रहे हैं। अब साइबर पुलिस ने लोगों को जागरूक करने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाने का फैसला लिया है। इसमें पंचायत प्रधानों, विभागाध्यक्षों व अन्य जनप्रतिनिधियों को जोड़ा जाएगा। इसमें साइबर से संबंधित जानकारी साझा की जाएगी। लोगों को बताया जाएगा कि कैसे शातिरों के झांसे में आने से बच सकते हैं। पहले लोगों को लोन का झांसा देकर लोगों को ठगा जा रहा था, उसके बाद पैसा डबल और आनलाइन शाॅपिंप के चक्कर में लोगों को शातिरों ने अपने जाल में फंसाया। अब पेंशनर, कर्मचारी और दुकानदार इनके निशाने पर हैं।
लोगों को विश्वास में लेने के लिए पहले यह ठग लोगों का पैसा डबल कर देते हैं। जैसे-जैसे लोग पैसा डबल के चक्कर में लाखों रुपये की राशि जमा करते हैं, ऐसे में इनके पैसे डूब जाते हैं। इसके बाद लोग साइबर थानों में आकर शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। समय पर पुलिस को सूचित करने पर कइयों का पैसा होल्ड तक भी किया गया है। अब पुलिस ने लोगों को जागरूक करने के लिए टीमें गठित की हैं। यह टीमें स्कूलों, पंचायतों, ब्लॉक और विभागों में जाकर लोगों को साइबर अपराध के बारे में जागरूक करेंगी। डीआईजी साइबर मोहित चावला ने बताया कि लोगों को जागरूक करने के बाद भी थानों में साइबर ठगी की शिकायतें आ रही हैं। लोगों को बार-बार एडवाइजरी भी जारी की जा रही है।
केस स्टडी ः राजधानी शिमला में भी आनलाइन शॉपिंग के नाम पर ठगी हुई है। अध्यापिका को आनलाइन शॉपिंग साइट पर सामान ऑर्डर करने के बाद ऑर्डर नंबर जानने के लिए रिमोट एप डाउनलोड करने को कहा गया। महिला शिक्षक ने स्क्रीन शेयर की ऑप्शन को ऑन कर दिया। इसके बाद साइबर ठगों ने महिला के खाते की डिटेल और ओटीपी डालने को कहा। इससे महिला के खाते से 1 लाख 82 हजार रुपये निकाल दिए गए।