बागवानों के साथ होने वाली धोखाधड़ी की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) अब आढ़तियों के साथ होने वाली ठगी की शिकायतों की भी जांच करेगी। राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने सरकार को प्रस्ताव भेजा है। गृह विभाग इसी हफ्ते मामले पर फैसला लेगा। आढ़तियों के मामलों की एसआईटी जांच से किसान और बागवानों को भी लाभ मिलेगा। साल, 2019 में उच्च न्यायालय के आदेशों पर तत्कालीन सरकार ने पुलिस महानिदेशक को बागवानों से होने वाली ठगी के मामलों की जांच के लिए एसआईटी गठित करने के निर्देश दिए थे।
इससे पहले बागवानों की शिकायतें थानों में लंबित रहती थीं। साल 2020 और 2021 में बागवानों की शिकायतों पर एसआईटी ने 3,000 से अधिक मामलों पर कार्रवाई कर करोड़ों रुपये का भुगतान करवाया था। मंडियों में कारोबार कर रहे आढ़ती लंबे समय से मांग कर रहे थे उनकी शिकायतों पर भी एसआईटी जांच हो। बता दें कि कई बार आढ़तियों से सेब लेने वाले बाहरी राज्यों के कारोबारी (लदानी) पेमेंट नहीं करते हैं। बागवान फसल का पैसा न देने पर आढ़तियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाते हैं। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने आढ़तियों को आश्वासन दिया था कि उनकी शिकायतों पर भी एसआईटी कार्रवाई करेगी, इसके बाद अब इस संबंध में आगे काम शुरू हो गया है।
पुराने कार्टन में पहुंचा सेब लौटाया, आढ़ती को नोटिस
पराला फल मंडी में सोमवार को पुराने कार्टन (टेलीस्कोपिक) में बेचने के लिए लाया गया सेब बागवान को लौटा दिया गया। सरकार के यूनिवर्सल कार्टन में सेब बेचने के निर्देशों के बाद मंडी के आढ़ती ने इसे खरीदने से इन्कार कर दिया। वहीं जिस आढ़ती ने इसे अपने फड़ पर उतारा था, उसे एपीएमसी ने नोटिस थमा दिया गया। एपीएमसी के अनुसार सोमवार को ऊपरी शिमला से एक बागवान 20 किलो सेब की दो पेटियां लेकर पराला फल मंडी बेचने के लिए पहुंचा। इसे बाद एपीएमसी को इस बात की जानकारी मिलते ही एपीएमसी सचिव देवराज कश्यप ने फल मंडी का निरीक्षण किया।
इसके बाद जिस फड़ पर टेलीस्कोपिक कार्टन में सेब की पेटियां मिलीं, उस फड़ के आढ़ती को नोटिस दे दिया। हालांकि एपीएमसी के अनुसार आढ़ती ने सेब की पेटियों को खरीदने से मना कर दिया था, लेकिन एपीएमसी ने फड़ पर पेटियां उतारने के आधार पर आढ़ती को नोटिस दे दिया। ताकि दोबारा कोई भी आढ़ती टेलीस्कोपिक कार्टन में आने वाली पेटियों को स्वीकार न करें। ऐसे में सेब लेकर पहुंचे बागवान को इसे बिना बेचे ही लौटना पड़ा। एपीएमसी शिमला किन्नौर के सचिव देवराज कश्यप ने कहा कि पराला मंडी से पुराने कार्टन में सेब की पेटियां पहुंचने पर मंडी में पहुंचकर निरिक्षण किया। दोबार यदि किसी आढ़ती के पास पुराने कार्टन (टेलीस्कोपिक) में सेब की पेटियां देखी गईं तो आढ़ती के लाइसेंस और जगह के आवंटन को भी रद्द कर दिया जाएगा।