हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के बयान पर पलटवार किया है। कुलदीप सिंह पठानिया ने शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ वर्ष के दौरान उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर सदन का संचालन नियमों व संविधान के अनुरूप हुआ है। 14वीं विधानसभा की उत्पादकता 132 प्रतिशत रही है। विधानसभा ने सभी सत्रों में आवंटित समय से अधिक काम किया। सभी सदस्यों को अपनी बात रखने का मौका दिया गया। उन्होंने जो भी अब तक विधायकों के मामलों में कार्रवाई की है, उसमें नियमों की अनुपालना की है।
कहा कि दोनों माननीय न्यायालय सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट ने अपनी रूलिंग के माध्यम से यह तय कर दिया कि स्पीकर के अधिकार क्षेत्र व फैसलों में किसी प्रकार के दखल की गुंजाइश नहीं है। फिर भी पब्लिक डोमेन में जाकर नेता प्रतिपक्ष या कई भाजपा सदस्य इन फैसलों को राजनीति लाभ लेने की चेष्टा से चुनाव के दौरान चर्चा में ला रहे हैं। कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के नाते उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र का उपयोग करते हुए संविधान के अनुसार फैसला किया। किसी भी सदस्य को विधानसभा के विषयों को सार्वजनिक मंच पर उठाने का अधिकार नहीं है। यह नियमों का उल्लंघन ही माना जाएगा।
उन्होंने सभी सदस्यों ने अनुरोध किया कि सदन के भीतर के निर्णयों की चर्चा सदन में ही करे, सार्वजनिक मंच पर चर्चा की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जिस प्रकार के शब्दों का उपयोग कर रहे हैं, जिस प्रकार से आक्षेप विधानसभा अध्यक्ष की मर्यादा के खिलाफ कर रहे हैं, कृपया अपने शब्दों व सोच पर नियंत्रण करें। हिमाचल की जनता जानती है कौन क्या है। कौन क्या कर रहा है। किसने अपने दायित्य का निर्वहन किया, किसने नहीं।
अगर इस तरह की बयानबाजी जारी रहती है तो उन्हें मजबूरन नियमानुसार कार्रवाई करनी पड़ेगी। पठानिया ने कहा कि उनका आचरण कैसा हो, इस संबंध में उन्हें जयराम ठाकुर से किसी प्रमाणपत्र को लेने की जरूरत नहीं है। उनकी जवाबदेही हिमाचल प्रदेश की जनता और संविधान के लिए है। वह जो भी कार्रवाई कर रहे हैं, सांविधानिक प्रावधानों के तहत ही कर रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मानसून सत्र को अगस्त में बुलाया जाएगा। सत्र बुलाने में छह माह का अंतर होना चाहिए।