हिमाचल प्रदेश में हाेने जा रहे विधानसभा उपचुनाव के लिए देहरा में टिकट नहीं मिलने से नाराज डॉ. राजेश शर्मा को साध कर मुख्यमंत्री ने एकजुटता का संदेश दिया है। वहीं नालागढ़ में भाजपा के पूर्व मंत्री दिवंगत हरिनारायण सिंह सैणी के भतीजे हरप्रीत सिंह ने निर्दलीय नामांकन भरकर सियासी समीकरण उलझा िदए हैं। वह भाजयुमो के प्रदेश सहमीडिया प्रभारी हैं। शुक्रवार को नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन था। देहरा में सात, हमीरपुर में चार व नालागढ़ में आठ उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल कर चुनावी हुंकार भर दी है।
नामांकन के अंतिम दिन शुक्रवार को देहरा में पांच, हमीरपुर में तीन व नालागढ़ में पांच प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किए। मुख्यमंत्री की पत्नी कमलेश ठाकुर को देहरा से कांग्रेस प्रत्याशी बनाने के चलते 2022 में पार्टी प्रत्याशी रहे डॉ. राजेश शर्मा ने बुधवार को सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। निर्दलीय चुनाव लड़ने का डॉ. राजेश ने एलान किया था। शुक्रवार को कमलेश ठाकुर के नामांकन के लिए देहरा पहुंचे मुख्यमंत्री ने डॉ. राजेश शर्मा से मुलाकात कर गिले शिकवे दूर किए।
डॉ. राजेश को समझाने के बाद मुख्यमंत्री अपने साथ ही लेकर उपमंडल अधिकारी के कार्यालय पहुंचे। इसके बाद डॉ. राजेश को जनसभा में भी अपने साथ बैठाया। मीडिया से बातचीत में डॉ. राजेश ने मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के प्रति अपनी आस्था जताते हुए कमलेश ठाकुर को जिताने की बात कही। मुख्यमंत्री ने दो दिन से चल रहे इस पूरे प्रकरण पर नजर बनाए रखते हुए डॉ. राजेश शर्मा के पास स्वयं जाकर स्थिति को संभाला और उन्हें साथ लेकर देहरा में पार्टी के पूरी तरह से मजबूत होने का संदेश दिया।
देहरा में शुक्रवार को हुए भाजपा प्रत्याशी होशियार सिंह के नामांकन में पूर्व मंत्री रमेश धवाला और रविंद्र रवि शामिल नहीं हुए। दो पूर्व मंत्रियों की ओर से बनाई गई इस दूरी को लेकर भी कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। उधर, नालागढ़ में हरप्रीत सिंह ने निर्दलीय चुनावी ताल ठोक दी है। हरप्रीत सिंह प्रो. धूमल की सरकार में मंत्री रहे दिवंगत हरिनारायण सिंह सैणी के भतीजे हैं। यहां से कांग्रेस के पूर्व विधायक और वर्तमान में भाजपा नेता लखविंद्र राणा का चुनावों में क्या रुख रहेगा, इस पर भी सभी की नजरें टिकी हुई हैं। हालांकि बीते दिनों लखविंद्र राणा भाजपा के प्रति अपनी निष्ठा जता चुके हैं।