सेब सीजन शुरू होने में अब 15 दिन शेष बचे हैं और कार्टन निर्माताओं ने अब तक यूनिवर्सल कार्टन बनाना शुरू नहीं किया। सरकार की ओर से यूनिवर्सल कार्टन को लेकर निर्धारित मापदंडों से कार्टन निर्माता संतुष्ट नहीं हैं। प्रदेश सरकार ने इस सीजन से सेब पैकिंग के लिए यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य करने का फैसला लिया है। हैवी पैकिंग के नाम पर मंडियों में बागवानों से होने वाली लूट-खसोट को रोकने के लिए सरकार ने 20 किलो के फिक्स यूनिवर्सल कार्टन को अनिवार्य किया है। बागवान संघ भी इसे लेकर लगातार मांग उठाते रहे हैं। सरकार की ओर से यूनिवर्सल कार्टन को लेकर जारी दिशा-निर्देशों और मापदंडों से कार्टन उत्पादक संतुष्ट नहीं हैं। जसमेर पैकर्स के एमडी गिरिश सरदाना का कहना है कि सरकार के मापदंडों के आधार पर कार्टन बनाया गया तो वजन एक किलो 400 ग्राम तक होगा और कीमत 80 से 85 रुपये होगी।
अगर बागवानों ने कार्टन नहीं खरीदा तो नुकसान होगा। अपनी आशंकाओं से हमने सरकार को अवगत करवाया है। एम्पायर पैकेजेज डेराबस्सी के संचालक राहुल अग्रवाल का कहना है कि इस साल बागवानों को कार्टन के लिए परेशान होना पड़ेगा। आमतौर पर सेब के लिए अप्रैल में कार्टन बनना शुरू होता है। सरकार की ओर से घोषित कार्टन के मापदंडों को लेकर भ्रम की स्थिति है। जो बागवानों हमसे कार्टन खरीदते हैं, उनके लिए हम यूनिवर्सल कार्टन बनाएंगे और अगले हफ्ते सैंपल उपलब्ध करवा देंगे। उधर, प्रोग्रेसिव ग्रोवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह विष्ट ने कहा कि यूनिवर्सल कार्टन को लेकर बागवानों में भ्रम की स्थिति है। कार्टन निर्माता यूनिवर्सल कार्टन नहीं बना रहे और 15 दिन में सीजन शुरू हो रहा है। कार्टन निर्माता एडवांस पेमेंट पर आर्डर ले रहे हैं। सरकार को सभी हितधारकों से बात कर पर्याप्त मात्रा में कार्टन उपलब्ध करवाना चाहिए।