जलापूर्ति योजनाओं के पानी से निर्माण पर रोक, उल्लंघन पर कटेगा कनेक्शन; निर्देश जारी

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हिमाचल प्रदेश में सूखे की स्थिति के कारण जल शक्ति विभाग ने जलापूर्ति योजनाओं के पानी से निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। उल्लंघन करने वालों के पानी के कनेक्शन काटने के निर्देश जारी किए गए हैं। जलसंकट की गंभीरता को देखते हुए विभाग ने राज्य व जिला स्तर पर नोडल अधिकारियों की तैनाती की है, जो जिला प्रशासन से तालमेल कर पानी की वैकल्पिक व्यवस्था करेंगे। आपात स्थिति को छोड़कर सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टी पर रोक लगा दी गई है। पानी के नए कनेक्शनों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

धर्मशाला और नूरपुर के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में 14 हैंडपंप ठीक किए गए हैं। जहां पेयजल आपूर्ति का कोई वैकल्पिक स्रोत नहीं है, वहां टैंकरों से सप्लाई दी जा रही है। शिमला, कुल्लू और कांगड़ा जिलों में पानी के लिए टैंकर तैनात किए जा रहे हैं। इस साल मई के तीसरे सप्ताह से ही सूखे की स्थिति के कारण 3,933 बस्तियों को आपूर्ति करने वाली 1,315 योजनाएं और लगभग 4 लाख 56 हजार की आबादी प्रभावित हुई है।

15 जून तक 6537 बस्तियों को जलापूर्ति करने वाली 1,797 योजनाएं और 8 लाख 88 हजार की आबादी प्रभावित हुई हैं। शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए ब्लीचिंग पाउडर का पर्याप्त भण्डारण, टैंकों, तालाबों और बावड़ियों की सफाई सुनिश्चित की गई है। रबड़ की पाइप बिछाकर सूखे और कम जल स्तर वाले स्रोतों को रिचार्ज करने के उपाय किए जा रहे हैं। पेयजल का दुरुपयोग रोकने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। गैर घरेलू उपयोग के लिए रसोई और बाथरूम से निकलने वाले पानी के प्रयोग का सुझाव दिया जा रहा है। पेयजल आपूर्ति के लिए बिजली बोर्ड से पंपिंग के प्रतिबंधित समय में ढील देने का आग्रह किया गया है।

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