हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बीते साल निकासी व्यवस्था फेल होने से बरसात में भारी तबाही मची थी। भारी बारिश के कारण शहर के नाले और नालियों से पानी का बहाव रिहायशी इलाकों की ओर मुड़ गया था। इसके चलते कृष्णानगर, खलीनी, विकासनगर, कनलोग, समरहिल में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ था। इस आपदा से सबक लेते हुए सरकार ने नगर निगम शिमला को बरसात की पहले ही तैयारी के निर्देश दिए थे।
बाकायदा पांच करोड़ रुपये का बजट भी जारी किया था। नगर निगम ने इस बार बरसात की पहले ही तैयारी कर ली है। जिन कारणों से शहर में नुकसान हुआ था, उनमें सबसे पहले सुधार किया गया है। शहर के सबसे बड़े कृष्णानगर नाले को पक्का कर लिया गया है। सर्कुलर रोड, खलीनी, टूटीकंडी मैहली बाइपास पर भी नालों का चैनेलाइजेशन का काम पूरा कर लिया है।