प्रदेश सरकार ने नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे को छोड़कर अन्य विभागों से लिए जाने वाले एनओसी की शर्त को खत्म कर दिया है। हालांकि टीसीपी में पहले से ही एनओसी नहीं लिए जाते थे।
प्रदेश सरकार ने मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड (एमडीआर) के साथ लगते प्लॉट मालिकों को बड़ी राहत दी है। अब लोग फ्रंट से पांच मीटर जगह छोड़कर भवनों का निर्माण कर सकेंगे। पहले सात सात मीटर जगह छोड़नी होती थी। ये नियम 250 वर्ग मीटर के प्लॉट के लिए लागू किए गए हैं। इसके अलावा निर्माण के दौरान अन्य तीनों किनारों से डेढ़ – डेढ़ मीटर सेटबैक (जगह) छोड़ना होगा। सरकार के इस फैसले से प्रदेश के हजारों लोगों को फायदा होगा।
प्रदेश सरकार ने नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे को छोड़कर अन्य विभागों से लिए जाने वाले एनओसी की शर्त को खत्म कर दिया है। हालांकि टीसीपी में पहले से ही एनओसी नहीं लिए जाते थे। नगर निगम में ये व्यवस्था लागू थी। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग (टीसीपी) की ओर से नगर निगम को एनओसी न लिए जाने की आदेश जारी किए गए हैं। नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे में एनओसी लिया जाना अनिवार्य किया गया है। सुप्रीम कोर्ट से मंजूर शिमला डेवलपमेंट प्लान में इसका जिक्र किया गया है।
इसके अलावा जहां सड़क नहीं है, वहां चार बिस्वा प्लॉट एरिया में फ्रंट से दो मीटर, जबकि अन्य तीनों किनारों में डेढ़-डेढ़ मीटर सेटबैक छोड़ना होगा। प्रदेश सरकार का मानना है कि नेशनल हाईवे और राज्य मार्ग में कई लोग भवन निर्माण के दौरान अतिक्रमण कर देते हैं। इससे वाहनों की आवाजाही में दिक्कतें पेश आती हैं। ऐसे में इन दोनों सड़क के साथ प्लाॅट मालिकों के लिए एनओसी की शर्त लागू रखी गई है।