शांता कुमार बोले- पालमपुर का रोटरी भवन बना ऐतिहासिक पलों को गवाह

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शनिवार को पालमपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राम मंदिर का पांच सौ साल पुराना इतिहास है। लेकिन दुर्भाग्य कि यह मंदिर नहीं बन पाया था। जिसे लेकर प्रयास होते रहे, राम भक्त आगे बढ़ते रहे और गोलियां खाते रहे। 

अयोध्या में नवनर्मित राम मंदिर को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने की नींव पालमपुर से रखी गई थी। देश भर में मंदिर बनाने को लेकर विश्व हिंदू परिषद ने जन जागरण छेड़ा हुआ था। मंदिर बनाने के इस अभियान को आखिरी मंजूरी पालमपुर के रोटरी भवन में मिली थी। शांता ने कहा कि आज यह पालमपुर का रोटरी भवन भी ऐतिहासिक पलों को गवाह बन गया। शनिवार को पालमपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राम मंदिर का 500 साल पुराना इतिहास है। लेकिन दुर्भाग्य कि यह मंदिर नहीं बन पाया था। जिसे लेकर प्रयास होते रहे, राम भक्त आगे बढ़ते रहे और गोलियां खाते रहे। लेकिन यह मंदिर नहीं बना।

दुनिया के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है। लेकिन राम मंदिर बनाने की आखिर कोशिश दिल्ली में हुई भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हुई। जिसमें पार्टी प्रभारी ने उन्हें कहा कि अगली बैठक देवभूमि हिमाचल में होगी और यह महत्वपूर्ण बैठक होगी। लेकिन वह यह सुन कर हैरान हो गए कि उन्हें कहा गया कि यह बैठक पालमपुर में होगी। पार्टी का आदेश मिलते ही वह बैठक में तैयारियों में जुट गए थे। उसके बाद पालमपुर में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लालकृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर बनाने का प्रस्ताव रखा और अटल बिहारी बाजपेयी ने चंद मिनट के अंदर ही इसे मंजूरी दे दी। यहां से राम मंदिर बनाने की शुरुआत हो गई।

उन्होंने कहा कि भगवान राम को फर्जी बोलकर कांग्रेस के नेताओं ने जो महापाप किया था वो 22 जनवरी को अयोध्या जाकर उस पाप को धो सकते थे। देश का दुर्भाग्य है कि कांग्रेस के नेताओं की भगवान राम के प्रति ऐसी सोच है। कहा कि श्रीराम अध्यात्मक ही नहीं है, बल्कि वह भारत के राष्ट्रवाद भी है। कहा कि आज दिल्ली के मंदिरों में सुंदरकांड किया जा रहा है। लेकिन यह सब राम मंदिर से लोगों को मन भटकाने के लिए किया जा रहा है। जिनको लोग माफ नहीं करेंगे। शांता कुमार ने पालमपुर में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मौजूद रहे अटल बिहारी बाजपेयी, सुषमा स्वराज, विजयाराजे सिंधिया समेत जो बैठक में मौजूद रहे उन लोगों को याद किया, जो अब इस दुनिया में नहीं है। इस पर शांता भावुक भी हुए।

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