राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में तैयारियों का दौर चल रहा है। इसे एक उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। इस बीच देश उन घटनाओं व कुर्बानियों को भी याद कर रहा है, जिनकी बदौलत यह सपना साकार हुआ है। मंडी शहर के वैद्य परिवार ने भी कार सेवा में खूब सहयोग किया है। इस परिवार के चार सदस्यों ने कार सेवा में भाग लिया। इनमें से दो सदस्य वर्ष 1991 से लापता है। दोनों कार सेवा में गए थे और कभी लौट कर नहीं आए। दोनों ही भाई राम भक्त थे और पहले भी कई बार कार सेवा में जा चुके थे।
मंडी निवासी स्वर्गीय इंद्र सिंह का पूरा परिवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद की विचारधारा से जुड़ा रहा है। इंद्र सिंह संघ के बड़े प्रचारकों में से थे। इनके सात पुत्र हुए। खुद इंद्र सिंह और उनके बेटे मुनेंद्र पाल, बलवंत पाल और भूपेंद्र पाल कारसेवा के लिए समय-समय पर अयोध्या जाते रहते थे। बलवंत पाल और भूपेंद्र पाल अविवाहित थे और संघ के कार्यों के चलते शिमला व चंबा में रहते थे। कारसेवा कर चुके इनके भाई मुनेंद्र पाल करसोग में रहते हैं। कार सेवा के दौरान इंद्र सिंह अपने साथियों सहित मेरठ व मुनेंद्र सिंह बिजनौर जेल में बंद रहे।