रिपोर्ट – मेघा शर्मा , 2 दिसंबरचूल्हे में आर्सेनिक वाले उपले और पराली जलाने से गॉल ब्लैडर का कैंसर हो रहा है। यह खुलासा केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला समेत देश के कई बड़े संस्थानों के अध्ययन में हुआ है। यह अध्ययन असम और बिहार में किया गया है। अब इस अध्ययन को कांगड़ा, मंडी, कुल्लू और हमीरपुर जिलों में भी किया जा रहा है। इस अध्ययन को केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के पशु विज्ञान विभाग के पूर्व प्रोफेसर डॉ. रंजीत कुमार ने किया है।
इसमें इस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतप्रकाश बंसल, अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. प्रदीप कुमार और पशु विज्ञान विभाग के अधिष्ठाता एवं विभागाध्यक्ष प्रो. सुनील कुमार का विशेष सहयोग रहा। इस अध्ययन में डॉ. भुवनेश्वर बरुआ कैंसर संस्थान गुवाहाटी, महावीर कैंसर संस्थान एवं अनुसंधान केंद्र पटना, सेंटर फॉर क्रोनिक डिजीज कंट्रोल नई दिल्ली और अन्य संस्थान भी शामिल हुए।